माला को कैसे धार आई, प्यारी बेटी गोदा

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माला को कैसे धार आई, प्यारी बेटी गोदा

माला को कैसे धार आई, प्यारी बेटी गोदा, २
मेरी बेटी गोदा, प्यारी बेटी गोदा...। माला... 

बडे सवेरे तुलसी लाकर, बनवाई बनमाला ।
नहाने को में गया रे बेटी, पिछे क्या कर डाला ।

नित्यसेवाका नियम लिया था अब क्या होगा हमारा ।
 बटशायी प्रभुजी कि माला पर्सादी कर डाला ।।१।। माला... २

कैसे मन्दिर जाउँ रे बेटी बिना लिए बनमाला । 
बाला भोली मेरी गोदा, तु ने क्या कर डाला। 

भट्टनाथकी बाडी सुनकर रोया पढ़ी वो वाला ।
धारेंगे प्रभुजी यह माला सन्तन के प्रतिपाला ।।२।। माला... २

श्रीवैष्णव के दासी गोदा प्रेम के आँसू डाला । 
गोदा की प्रिती पर रीझे प्रभुजी धारी माला ।।३।। 

मालाको कैसे धार आई प्यारी बेटी गोदा .. । माला...  ३

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